पछण नी ऐंद
आज ओर ब्याल मा
बुरंस डाली सी फुल्यारा मा
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
कदगा फरक ऐगै तैमा
सिपडी नकुडी तेरी अब सोना नथुली नकुडी मा
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
मट मैली थगुली झगुली तेरी
तुतली वा बोलण तेरो , बिंदी लिपस्टीक पावडर मा सजैणु तेरु
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
सर दौड़ी की जाणु तेरु
बालपन मा माया लगाणु तेरु अब मैसै क्या शरमाणु तेरु
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
तेर हसणु सुवा दिल लुची जांदी सुवा
मै खिची लै जांदी सुवा तै थै ही मेर ब्योली बाणा सुवा अबत हां कैदै सुवा
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
आज ओर ब्याल मा
बुरंस डाली सी फुल्यारा मा
पछण नी ऐंद सुवा अब तू जवानी की उल्लयार मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
शनिवार दिनाक १३ /१० //१२ सवेरे ९ :३७ समय
बालकृष्ण डी ध्यानी
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