आशिक मै भी
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है
जाना होता है कंही और कंही चला जाता हों
ऐसा भी क्या? कभी तुम्हरे साथ होता है
जैसा वो अब मेरे साथ होता है
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है ……
सपने तो उसके दिन रात आते है
अकेले मै चुपके उससे बात करता हूँ
एक बार नहीं हजार बार प्यार का इजहार करता हूँ
सामने आते ही गुमसुम क्यों हो जाता हूँ
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है ……
दिल की धड़कन की रफ़्तार होती है
सांसों की सांसों के साथ मुलकात होती है
बस आँखों ही आँखों मै क्यों बात होती है
होंट सिले के सिले रह जाते हैं जब वो पास होते हैं
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है ……
गली मै उसके अब दिन रात गुजरते हैं
हल्की सी एक झलक पाने दिल बेकरार रहता है
कैसी कशिश है उसमे खुदा जाने मेरे
खुदा से भी अब मुझे वो प्यारा लगता है
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है ……
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है
जाना होता है कंही और कंही चला जाता हों
ऐसा भी क्या ? कभी तुम्हरे साथ होता है
जैसा वो अब मेरे साथ होता है
कभी कभी मेरे साथ ऐसा होता है ……
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बुधवार दिनांक १० /१० /१२ समय १२ :५१ दोपहरी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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