जसपाल जी नहीं रहे
एक नींद का झोंका आया
हास्य व्यंग के बादशाह को उड़ा ले गया
बिजली ओर करंट का जोड़ना था
की एक दिन पहले ही पावर कट हो गया
एक नींद का झोंका आया
वो अपने पावर पलांट को जोड़ ना पाया
गंभीर रहकर हास्य चुटकुले सुनता चला गया
हास्य मी भी तीखी व्यंग के बाण चलाता गया
एक नींद का झोंका आया
उलटा पुल्टा कर जगया था वो खुद सो गया
फ्लॉप शो कर जिसने शो हिट कर गया
परिवार को एक साथ बिठाकर खूब हसया था जिसने
एक नींद का झोंका आया
वो हास्य कलाकर हमे रुलकर चला गया
एक नींद का झोंका आया
हास्य व्यंग के बादशाह को उड़ा ले गया
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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