खुट्ली मेरी
देख कंन मेर सवारी च
झक झक चली जानी चा
उंदरा उकला तेडा मेडा बाटा लांदी जानी चा
मीथै मेर गों घार पोछानी चा
दोई खोटीयूँ की मेर सवारी चा
खुट्ली मेरी
दाएँ बैयाँ अग्ने पीछणे
वा मी थै ले जानी चा
कास्ट को फल दिलान्दी चा
मेर जीवन की गाडी चलानी चा
दोई खोटीयूँ की मेर सवारी चा
खुट्ली मेरी
पेटोर्ल ना डीज़ल ना गैस चैनु
दोई रोटी जब पोट्गी चली जानी चा
सर सर र र वो दोउड़ी जानी चा
मन मर्जी दगड़ चली जानी चा
दोई खोटीयूँ की मेर सवारी चा
खुट्ली मेरी
खैरी कमै की वा खिलानी चा
थकी थकी की दिन भर मेरे खटुली
रातमा मीथे मस्त निंदी मा सोलाणी चा
मिल जुल्की रैन सिखान्दी चा
दोई खोटीयूँ की मेर सवारी चा
खुट्ली मेरी
देख कंन मेर सवारी च
झक झक चली जानी चा
उंदरा उकला तेडा मेडा बाटा लांदी जानी चा
मीथै मेर गों घार पोछानी चा
दोई खोटीयूँ की मेर सवारी चा
खुट्ली मेरी
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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