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दिल जला




दिल जला 

अभी दिल जला 
अँधेरा हुआ 
अभी पल बीते 
सवेरा हुआ ......

अपने ही अक्स से हरा हुआ
अपने आप में वो बिछड़ा हुआ..२ 
अभी मिले थे हम 
थोड़ी दूर संग चले थे हम 
अभी क्या हो गया 
वो मुझसे खफा होगया 
अभी दिल जला 
अँधेरा हुआ 
अभी पल बीते 
सवेरा हुआ .......

बातें की बातों से 
उन मुलाकातों से ... २ 
छेड़ी रही तेरी हंसी 
उन हंसी यादों से 
अभी तक पास थी 
रहा गुलजार थी 
खो गयी रोशनी वो 
अभी भी प्यास थी 
अभी दिल जला 
अँधेरा हुआ 
अभी पल बीते 
सवेरा हुआ .......

अभी दिल जला 
अँधेरा हुआ 
अभी पल बीते 
सवेरा हुआ ......

एक उत्तराखंडी 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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2 टिप्पणियाँ


  1. दिनांक 03/02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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    फिर मुझे धोखा मिला, मैं क्या कहूँ........हलचल का रविवारीय विशेषांक .....रचनाकार--गिरीश पंकज जी

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