मोबाईल मा दल्कनी
मोबाईल मा दल्कनी खाणी
बोई ब्वारी बेटी भूली
यकुली च यकुली गाणी
देख अपरों को रुबाब
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
मोबाइल बजणुय रिंग रिंग
बोई की जिकोडी कैग्याई धक धक
पिताजी परदेश भतेक फोन करणा
रिंगा धुन बोलणी पिताजी च छन
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
बोईल अब हैलो बुलोण
पिताजी भैर भातेक अन्यास बणन सिंह
बोई की मोल झोल कड़ी बीती दिन
गुडी बणीकी बात च सुणन हूँ हूँ
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
पिताजी बेफिजूल मा बिगड़णा
बोई बस मोंडा हिलाण हिन् हिन्
रैबार बस यख सब ठीख छन बोईल इत्गा बोलण
पिताजी सरू मुंडेरु बोई मा उकलण
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
बाबाजी की जब भी मोबिईल बाजी
बोईल झट झट सर सर उठन
पिताजी मेरा बोईल एक बेल आराम भी णी मिलण
आराम कैरकी उठया होला बोई फिर फजल कु उठन
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
मोबाईल मा दल्कनी खाणी
बोई ब्वारी बेटी भूली
यकुली च यकुली गाणी
देख अपरों को रुबाब
मोबाईल मा दल्कनी खाणी ………..
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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