साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ तेरे साथ मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
जी नहीं लगता मेरा अब हर बात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
अहसास जगे अहसास जगे उस रह में
जिस रह से अब तक मै अनजाना था साथ मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
जी नहीं लगता मेरा अब हर बात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
क्या कर दिया तुमने मेरे साथ में
अब कोइ अच्छा नही लगता आपके सामने
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
जी नहीं लगता मेरा अब हर बात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
सवेरे से शाम तक तुम हो हर बात में
अकेले में सबके साथ में उस काली रात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
जी नहीं लगता मेरा अब हर बात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ तेरे साथ मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
जी नहीं लगता मेरा अब हर बात मे
साथ में मेरे कुछ ऐसा हुआ
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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