अन्यास ही
बच्चों के संग मै भी बच्चा
उम्र मै अब भी हूँ कच्चा पर वो हैं सच्चे
अंनछुये सा वो है बचपन
बच्चों के संग मै भी बच्चा
भोली सी मुस्कान उनकी
अटखेली लेती शान उनकी
भाव उनके ना बंधे मेरे जैसे
मुक्त विचारों से उड़ते तितली जैसे
बच्चों के संग मै भी बच्चा
सुख दुःख से परे वो बचपन
बैर द्वेष ना पनपे उस आंगन
हंसती खेलती किलकारियां गूंजे
तन मन मेरा अब भी तरसे
बच्चों के संग मै भी बच्चा
देखों उनको अब भी मोड़कर
उस गली उस छोटे पथ पर
हंस रहा है अब भी वो मुझ पर
अश्रु निकल आते उस पल पर
बच्चों के संग मै भी बच्चा
बच्चों के संग मै भी बच्चा
उम्र मै अब भी हूँ कच्चा पर वो हैं सच्चे
अंनछुये सा वो है बचपन
बच्चों के संग मै भी बच्चा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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