भाग्या का लेखा मेरा
कैका भ्ग्याँ मा क्या च लिख्युं
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
दोई गफा अन्ना कु कख्क लिख्युंचा
ऐ मेरी पोट्गी तिल भी णी जाणी
कैका भ्ग्याँ मा क्या च लिख्युं
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
चलदा रै चलद रै भाग का लेखा चलद रै
मनखी तू क्ख्क क्ख्क भटके भाग का लेखा चलद रै
बत्ती बलण मण दीप बुझेकी
यकुली रैंण जिकोड़ी झुरेकी
अंशुं रुंदा रैंदा सदनी को बोई
सण बार ऐदा ओर यकुल चला जांद
कैका भाग मा क्या दुःख दागडायूँ
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
चलदा रै चलद रै भाग का लेखा चलद रै
मनखी तू क्ख्क क्ख्क भटके भाग का लेखा चलद रै
मी तेरु सरू तू मेरु सारु बोई
मुल्क मेरु सदनी को उजाड़ू
खैरी की कमाणी उकालों को पाणी
तू भरदा रैं एक गढ़ छोडी सरदा रै
कैक भाग क्ख्क छ वैकु माटू
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
चलदा रै चलद रै भाग का लेखा चलद रै
मनखी तू क्ख्क क्ख्क भटके भाग का लेखा चलद रै
कैका भ्ग्याँ मा क्या च लिख्युं
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
दोई गफा अन्ना कु कख्क लिख्युंचा
ऐ मेरी पोट्गी तिल भी णी जाणी
कैका भ्ग्याँ मा क्या च लिख्युं
ऐ मेरी बोई कैल णी जाणी
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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