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मी और तुम


मी और तुम 

यखी छों 
मी यखी छों
भुल्हों यखी छों
मील यखी रैण
ऐ छोडीकी
यूँ मुख मोड़ीकी
क्ख्का जैण 
मील क्ख्क जैण
यखी छों 
मी यखी छों
भुल्हों यखी छों
मील यखी रैण

माया यख
एक माया वख 
एक दगडी दगडी 
एक वख वा....वो दूर कोस 
कै कुण दूँ ...मी यख दोष 
बस रेगै रोष 
सुधी गै मेरु जोश 
यखी छों 
मी यखी छों
भुल्हों यखी छों
मील यखी रैण

माटो मेरु 
यख ही मिल जैण 
बन बनी का फुल खिलण 
फिर भी मील 
यखी व्खी देखी जैण
रुला ढोंगा 
फिर भी त यख 
कैल चूलेण जब मील जैण 
मील कखक णी जैण 
यखी छों 
मी यखी छों
भुल्हों यखी छों
मील यखी रैण


एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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