फूलों को
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
पथ बिछी काली छाया छाटकर निडर बन आगे चलना होगा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
माना देश आजाद ,आम इंसान आजाद कंहा
संसंद बैठे सफ़ेद रंग ,कला रंग अब साफ़ कंहा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
बच्चों उठो आप को गांधी भगत में चुनना होगा
चमकेगी वो रात हंसकर जब सुलों पर चढ़ना होगा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
सबके अंदर ज्योत बसी उसको प्रकाशीत होना होगा
दबी रहेगी दबते जायेगी एक दिन वो दिख ही जायेगी
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
सत्य अहिंसा हिंसा का मन्त्र दे रहा हों आप को
मन तुझे आज जीवन का मीत दे रहा हों आप को
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
सम्भलेगा वो कल होगा रोशन उसका हर पद होगा
देश के लिये सोचा पल वो ही पल तेरे वो कल होगा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
पथ बिछी काली छाया छाटकर निडर बन आगे चलना होगा
फूलों को अब अंगार बन फिर आगे को बढना होगा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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