मेरु भागा
वो छुटा मैसे
मै देख दियुं रैग्युं
वो रूठू मैसे
मी सुचदू रैग्युं ..२
अब मेरु भागा
सब छोडी गैन मैथै
सब छोडी गैन
देख अगास
देख ले मी थै आजा ...२
ना लगा ईणी भोल
अबा की ऐ बात
सुण दे देरे .....रे ...२
मेरु साथ
अब मेरु भागा
सब छोडी गैन मैथै
सब छोडी गैन
आस मेरी सुण स्वास को मेरु सुर
कै ना अब मेरी निखिणी..२
दूर ईणी गैनी जो छोड़ जैनी
वोंका जिकोडी ना किले होणी रोणी..२
मी यकुली किले आँखा भीगेणी
अब मेरु भागा
सब छोडी गैन मैथै
सब छोडी गैन
रैना कोई ,गै ना कोई
घुगुती भी अब व्हागे बोगी ...२
किले ध्ये लगाणी कोई णी आलो
अब सारु मा अब जीयु जालू ...२
बुरंस भी अब मौली गेलू
अब मेरु भागा
सब छोडी गैन मैथै
सब छोडी गैन
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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