मै मै रहूँ तुम तुम ही रहना
गजल मेरी
एक वादा कर लो
तुम तुम ही रहना मै मै रहूंगा
चाहे भरे मै आह सनम
तुम उफ़ तक नही करना ........
हँसने से बड़ा यंहा दर्द कोई नहीं है ...२
रोने से बड़ा मर्ज यंहा अब कोई नहीं है
मै हूँ इस तरंह ही कुछ और ना समझना
अपने आप से ही तुम मुझे गुम नही करना
रोते को हसना मुश्किल बहुत ही है...२
हँसते होये को रोलना भी आसान कँहा
गर हो सके तो करना इतना करम
इन आंसूं को ना यूँ फिजूल में बहना
अपने आप से ही तुम मुझे गुम नही करना
दीखता ही नहीं हूँ इस दिल में अब...२
इस तरह मै बसा गया उस कल में अब
जब कभी बिता पल याद आ भी जाये
तब चुप ही रहना मुस्कुरा ना देना तुम
अपने आप से ही तुम मुझे गुम नही करना
हँसने से बड़ा यंहा दर्द कोई नहीं है ...२
रोने से बड़ा मर्ज यंहा अब कोई नहीं है
मै हूँ इस तरंह ही कुछ और ना समझना
अपने आप से ही तुम मुझे गुम नही करना
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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