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तेरा चोला


तेरा चोला 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

अलख जगाले ,उस धाम की 
अलख जगाले ,साईं राम की 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

जीवन बंदे ,बंद हथेली रेत सी 
सरका जाये ,वो जीवन ऐसा ..२ 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

सिमेटता जाये तू , कहे सब कुछ मेरा 
पगला है या तू , तुझ पर माया का फेरा 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

बंद आँखों से देखले ,जो खोली आँखों से देख ना पाया 
चंचल मन काबू रख अपना ,उसने ही तुझे मार्ग से भटकाया 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

साईं के घर देर है,अँधेरा तेरे बुद्धी पर छाया 
पड़े छाया जब साई की .मैंने साईं तुझ मे पाया 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

अलख जगाले ,उस धाम की 
अलख जगाले ,साईं राम की 

तेरा छूटा जाये, रे चोला तेरा 
तेरा छूटा जाये, रे मौला तेरा .....२ 

एक उत्तराखंडी 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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