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दिल कह रहा है


दिल कह रहा है 

दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 
तेरे दिल में बस अब 
मै ही तो रहता हूँ 
दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 

तन्हा अकेला यंहा 
तन्हा तू अकेली वंहा 
रिश्ता जो ऐसे जोड़ा 
करता भी क्या मै खुदा 
बंदिस यूँ मुझसे जुडी 
छुटी कंहा प्रीत वो लड़ी 

दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 
तेरे दिल में बस अब 
मै ही तो रहता हूँ 
दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ

असवन की धार मे 
मै ही तू कल-कल करता हूँ 
बूंद बूंद बनकर 
जब मै तेरे दिल से गुजरता हूँ 
आँखों दवारा व्यर्थ ही 
इस धरा पर सजता हूँ 

दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 
तेरे दिल में बस अब 
मै ही तो रहता हूँ 
दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 

आँखों को तेरी ना 
अब मै जंचता हूँ 
गुमुसुम रहती है वो 
अकेले अकेले ही क्यों 
बस्ता हूँ तेरी रूह में मै इस कदर 
फिर मै तुझसे जुदा कंहा 

दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 
तेरे दिल में बस अब 
मै ही तो रहता हूँ 
दिल की जो बातें हैं
वो ही तो मै कहता हूँ 

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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