भगमा स्वाद नीच
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं
कैल पक्काण झुंगोरा की खीर
मीथै णी आंदी गढ़ बोली बिगंण
गढ़ बोली मील क्या ख़ाक बोलाण
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं ...........
रैयुंच मी बस परदेश मा
जन्म च्यूं बस ऐ गड़ देश मा
गाथा की दाल वो फणु का रसा
दूर दूर मै से वो दोईया रंयाँ
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं ...........
अरसा का टुकड़ा
कैगे मी थै टुकड़ा तिपड़ा मिले
ब्योहा व्हाई गुलगुला सी
गढ़ देश से मी गुल वहाई
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं ...........
कफली कू सालना
माडू (चुना) की रोटी
जुनी मेरी केले तू रोणी
खुसका सी खुस गयुं अब
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं ...........
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं
कैल पक्काण झुंगोरा की खीर
मीथै णी आंदी गढ़ बोली बिगंण
गढ़ बोली मील क्या ख़ाक बोलाण
म्यारा भगमा
बस खीचड़ो च लिख्युं ...........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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