कू ?
कू देखाणू
देखाणू व्हालो कू
कू बैठू
बैठू व्हालो कू
कू दूर तिबारी मा
तिबारी मा दूर कू
कू हेरणू वहालो
वहालो हेरणू कू
कू छे रै वख
वख छे रै कू
कू सारु चोमासा गै
गै चोमासा सारु कू
कू का भीतर रैगे
रैगे गढ़ देश मेरु कू
कू देखाणू
देखाणू व्हालो कू
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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