देख बाटा
देख बाटा थै
बाटा जुड्दा जोंला
अपरा गढ़ देश तक
पोंछी हम जोंला
मन आशा च
जिकड़ी मा बिसवास
कंडा पर फुल जाणी
एक दिनी खिल्दी जोंला
एक एक से इनी
हम इनी जुडदी जोंला
टूटे णा टूटे वो डोर
गेंठ दी हम जोंला
हे उत्तराखंड गढ़ देश मेरु
हम अब आणा छों
ऐ माई ऐ माटा मा
हम मिलदी जोंला
देख बाटा थै
बाटा जुड्दा जोंला
अपरा गढ़ देश तक
पोंछी हम जोंला
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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