आशीष की अपेक्षा
आज मेरा जन्म दिन है
तारे गिनता हर दिन मै
सूरज की रोशनी में मै हूँ
पिताजी की जिन्दगी मै हूँ
मुस्कुराहट पे मेरे
उनका उगे हर नित नया दिन
पलकें झपकें रात को मै
संग तब अस्त होता उनका वो दिन
माँ की आँखों का मै तार
उनकी आंगन का मै उजियारा
नूर टपके उन हाथों से
ममता का मेरा बड़ा सहारा
दो नैनो की ज्योती मै
ध्यानी घर का मोती मै
आशीष की रखों अपेक्षा
बड़ों अब आपके पद चिह्नों पर मै
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ