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मेरा पाड़े की प्रीत



मेरा पाड़े की प्रीत

आंखी नी घड़े,आंखी नी दडे
ऐ प्रीती बोली आंखी नी पड़े

बोली बोली भेद जीकोडी कू खोली
माया घेर कू गेडले तू गेडी

बुरंस प्योंली घुघूती हिलांसा
छुटी दगडीयों कू अबै वो साथा

कंडी मा भी फुल खिलेगैणी
ऐ मौल्यार मा भी हैरालू ऐगैणी

चडै यू नशा डोल दामू मशुबाजा
कंणुडी घण घण बजणा छिण

अरसा कड़ेई मा तळणा छिण
बेदी मा अब फेरा लगणा छिण

ब्योला ब्योली अब मिलण छिण
आंखी कू टिपडा अबै ज्योलण छिण

मेर पाड़े की प्रीत सबूसे निराली च
ब्यो होंणक बाद आंखीणी मुख खोलीच

आंखी नी घड़े,आंखी नी दडे
ऐ प्रीती बोली आंखी नी पड़े

बोली बोली भेद जीकोडी कू खोली
माया घेर कू गेडले तू गेडी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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