बिती गैणा
बिता दीणों ईणी बिती गैणा
य्कलोप्न की वीं यक्ली रैण
बिता दीणों ईणी बिती गैणा..............
दोई भै छा दोई भैन मीथे छुडी की वो कख गैन
दरा उमबरा मंदरा कूड़ा घार
घुघती हिलांसा वो ढुंगा गार
बिता छुईं ईणी बिती गैणा..............
मेरु छोटू पन मेरु लाटू पन मीथे छुडी की वो कख गैन
बुरंस प्योंली हिंसोंला काफल
वो डंडा वो कंडा वो ग्दनीयू छाला
बिता छुईं ईणी बिती गैणा..............
वो अल छाला पल छाला कख मीथे छुडी की वो कख गैन
वो उकाला वो उन्दरू वो बाटा वो थाटा
मिल जुली का एक दूजा का दुःख -सुखा साथ
बिता छुईं ईणी बिती गैणा..............
यकला यकला रौड़ी की कख मीथे छुडी की वो कख गैन
बिता दीणों ईणी बिती गैणा
य्कलोप्न की वीं यक्ली रैण
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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