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गींदु जणी मी



गींदु जणी मी

ब्याळ मील जन्म धारी,
आज (बड़ो होग्युं) ,२
गींदु जणी ऐ संसार मा,
गींदु जणी ऐ संसार मा,
मी भी यख एक गींदी होग्युं
ब्याळ मील जन्म धारी..........

एक दिन मा छुटपन गैन,
पडै लिखै कू (दुसरू दिन गैन),२
बचपन ह्र्ची गींदी खेली,
बचपन ह्र्ची गींदी खेली,
ना जाणी मील तब गींदु की दैण
ब्याळ मील जन्म धारी..........

एक एक दिन जब गैन,
तब जैकी पछाणी मील (तब गींदी की बिपदा) ,२
एक णी मारी एक लात यख भतेक,
एक णी मारी एक लात यख भतेक,
एक मारूणु छ वै छोरा
ब्याळ मील जन्म धारी..........

दोई दोई चार दिन की जिंदगी
मील णी जी( एक दिन भी मै मा ),२
हल्दू जणी मी बल्दू सी जुडी गे
हल्दू जणी मी बल्दू सी जुडी गे
गींदील क्या पाई जबै फट व्हैग्याई
ब्याळ मील जन्म धारी..........

ब्याळ मील जन्म धारी,
आज (बुढो वहैकी मोरग्युं ) ,२
गींदु जणी ऐ संसार मा,
गींदु जणी ऐ संसार मा,
मी भी यख एक गींदी सी खोग्युं
ब्याळ मील जन्म धारी..........

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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