ऐ घ्स्यारी
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की
हरा हरा घासों पातों की
दतुली की दातीयों की
कमरी बांधी गेडों की
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की ....
मोडमा मा साफा झुम्पा
कंडीयों टोकरों रूमका
गीचोडी भ्तेक गितेरी
दगडीयों की वा दागेड़ी
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की ....
अगेणे -पीछेणे रंगा
डालों वे टुक टुक फंदा
वों उकालों का बाटा
दूर हाक देकी बोलादा
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की ....
चौमासा कू यु चरका
दूध घियु कू च बरखा
दोई अणी आणी छे
गढ़देश की ऐ वाणी छे
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की ....
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की
हरा हरा घासों पातों की
दतुली की दातीयों की
कमरी बांधी गेडों की
ऐ घ्स्यारी डंडीयों की ....
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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