फरक कय पैडै?
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
तीथै लिखैपडै ,सूटों मारी सुट तू चलै
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
वीं धुन्वड़ो की कोयेड़ी ना, अब तक छटै
सुट स्टकी तू ,कै कै मुल्क बिरडी तू
तीथै लिखैपडै ,सूटों मारी सुट तू चलै
बैठ बैठीं छा बाटा वा हेर्दी छा टक कख
सिमलसैण धारा कै क बुझंग धैरुन्चा
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
रड़ रौड़ी छा खुठी जै वख तौडी छा
वो उंदारूं उंदारीयों कै मौरी पड्यों छा
तीथै लिखैपडै ,सूटों मारी सुट तू चलै
बंजा को बझेडा रेघ कू वो खदेड़ा
खंत्याँ खतगैई सुरुक चली तू चली गैई
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
तीथै लिखैपडै ,सूटों मारी सुट तू चलै
ब्याल और्री अबै, फरक कय पैडै
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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