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क्या खूब लगणी या


क्या खूब लगणी या

औ क्या खूब लगणी या , बड़ी दाण दिखणी या ...२

फिर से बोला ..मैसे से बोला अच्छु लगणु या
जीवना कु यु सुपिनिया अब सच्चु लग्णु या

क्या खूब लगणी या , बड़ी दाण दिखणी या ...२

मेरु तारीफ़ करला कब तक ,बोला कब तक

मेरु जीयूं मा स्वास राली जबै तक

कबै तक मी रोलों मन मा ये मन मा

सूरज रालो जबै तक नीलू सरग मा

फिर से बोला ..मैसे से बोला अच्छु लगणु या
जीवना कु यु सुपिनिया अब सच्चु लग्णु या

औ क्या खूब लगणी या , बड़ी दाण दिखणी या ...२
तुम प्रीत से प्यारी या तुम जीयु हमारी या

खुश छों ना मिथै तुम पाकर ,मिथै पाकर
तिसलू जिकोड़ी कू आज मिलूं छे सागर

कया जिकोड़ी मा च औरी आशा,हाँ जी आशा
हर जीवना मा तुम मेरु स्वामी बण ना

फिर से बोला ..मैसे से बोला अच्छु लगणु या
जीवना कु यु सुपिनिया अब सच्चु लग्णु या

औ क्या खूब लगणी या , बड़ी दाण दिखणी या ...२

तुम प्रीत से प्यारी या

तुम जीयु हमारी या

तुम प्रीत से प्यारी या

तुम जीयु हमारी या

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
फिल्म - धर्मात्मा गाने का गढ़वाली संस्करण
पढ़िए "धर्मात्मा" के और गाने कु गढ़वाली में
को बोल मा गढ़वाली बोल जी कंन लाग्यां जी आप थै बतवा जी

बालकृष्ण डी ध्यानी
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