ऐजा ऐ घार
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
ढुंगों का गढ़ देश मा
डंडों कू च अब सारा
बांसा कू अंजाडा
क्याड़ी कू कंडा दुरे तक ठक
गुअरा बिछु का फैलूं
यख भतेक वख सम्रज्या
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
मैत ससरासा खुल्याँ
गीता खुदेदा कू बोळ रोल्याँ
भितर भैर गेड खुल्याँ
ठेठ बिदेश मा वोंका तार
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
रिक्त होग्याणी
जिकोडी बोग्याणी
गदनी यख बिस्याँ
टक्कों का रोगा की चाळ
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
बंजा कू बरखा
खरका कू लाग्यों चरखा
बिंदुली की बिंदी
चमकी किले णी चमकी
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
सारु का हाल
देख बगता बेहाल
बिपदा या खैरी
तोट्या चार दिबार अ
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
ऐजा ऐ घार
होयां छन अब गारा गारा
ढुंगों का गढ़ देश मा
डंडों कू च अब सारा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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