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बस कलम तू साथ रहे



बस कलम तू साथ रहे

सांस जब तक तू साथ रहे
जान तू जब तक मेर पास रहे
हे ... कलम बस तू इस हाथ रहे
मै राहों या ना रहूँ

कोई साथ रहे ना रहे
कलम तू हरदम साथ रहे
खाली पन्नो पर तेरा उपकार रहे
मै राहों या ना रहूँ

कल्पनाओं की सागर को
तू यूँ ही हरपल साकार करे
दिल में तू सदा वास करे
मै राहों या ना रहूँ

जन्मों फिर इस धरा पर गर मै
तेरा मुझ पर तब भी अधिकार रहे
लिख दूंगा जो अब तक ना लिख सका
मै राहों या ना रहूँ

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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