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खूबसूरती किस्सा है



खूबसूरती किस्सा है

दिल का दिल से रिश्ता है
बस ये ही खूबसूरती किस्सा है
मन से या खूबसूरती से रिश्ता है

हर कोई इसका हिस्सा है
ये जादू है या फिर ज़िंदा है
जिस्म से या जान से रिश्ता है

आँखों को जो अच्छा जांचे
वैसा ही वो प्रेम सांचे पले
आँखें से या तृष्णा से रिश्ता है

सुंदरता बदसूरती की जंग में
मन है की वो हरदम हारा है
जीत से या हार से एक रिश्ता है

दिल का दिल से रिश्ता है
बस ये ही खूबसूरती किस्सा है
मन से या खूबसूरती से रिश्ता है

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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