बाबा ऊ बोलाली तू घार परती आ
सरसों सरसों फूलाली
पाड़े की धरती सजैली
नटी व्हाली वा पिंगली साड़ी मा ..२
बैठी व्हाली वा अप्डी सारी मा
हेर हेर का फेर देख्दी जा
जग्वाल कंन हुन्दी
वीं आंखी थे सेकदी जा
प्रीत माया जोगोदी जा
नटी व्हाली वा पिंगली साड़ी मा ..२
बैठी व्हाली वा अप्डी सारी मा
रूटलू को तू घेर घेर देख्दी जा
लाटलूँ उल्झ्युं वो फेर देख्दी जा
चुल्हा बैठी रुटू सेकदी
हाथों ड्म्या दागा देख्दी जा
नटी व्हाली वा पिंगली साड़ी मा ..२
बैठी व्हाली वा अप्डी सारी मा
कूल्हण खींचा रेघ रेघ देख्दी जा
आंसूं ल सीचा खेत देख्दी जा
जमी लगुली हाथ फेरदी
बाबा ऊ बोलाली तू घार परती आ
नटी व्हाली वा पिंगली साड़ी मा ..२
बैठी व्हाली वा अप्डी सारी मा
सरसों सरसों फूलाली
पाड़े की धरती सजैली
नटी व्हाली वा पिंगली साड़ी मा ..२
बैठी व्हाली वा अप्डी सारी मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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