ऐब च मै मा
बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम
पक्कड़ छों सोच कू
ई जांदी जणी मन मा बोल देन्दु
गीछु दगड मी जिकोड़ी कू
उमाल मी इनी उकेर देन्दु
बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम
गुस्सा कू राजा छों
माया की पीछने भागी छों
रुकेंदी नी रोकी दें दू
य्क्लू मा छके भोरी की रो लें दू
बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम
अहम कू बलीहारी
किलकारी गूंजे क्यारी क्यारी
एक छोडी ले दूजे की छ तैयारी
अखंड बीजा की छ ऐ सारी
बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम
तुंड तुंड मद कू गुंद
चिपकी इन रती दिन मा झुंज
गुड गुड की मची सूंघ
रुंद रुंद गैन फुंड फुंड
बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम
पक्कड़ छों सोच कू
ई जांदी जणी मन मा बोल देन्दु
गीछु दगड मी जिकोड़ी कू
उमाल मी इनी उकेर देन्दु
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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