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ऐब च मै मा



ऐब च मै मा

बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम

पक्कड़ छों सोच कू
ई जांदी जणी मन मा बोल देन्दु
गीछु दगड मी जिकोड़ी कू
उमाल मी इनी उकेर देन्दु

बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम

गुस्सा कू राजा छों
माया की पीछने भागी छों
रुकेंदी नी रोकी दें दू
य्क्लू मा छके भोरी की रो लें दू

बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम

अहम कू बलीहारी
किलकारी गूंजे क्यारी क्यारी
एक छोडी ले दूजे की छ तैयारी
अखंड बीजा की छ ऐ सारी

बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम

तुंड तुंड मद कू गुंद
चिपकी इन रती दिन मा झुंज
गुड गुड की मची सूंघ
रुंद रुंद गैन फुंड फुंड

बस एक ही ऐब च मै मा
वोँ च इन मै मा ना च वो इन कैम

पक्कड़ छों सोच कू
ई जांदी जणी मन मा बोल देन्दु
गीछु दगड मी जिकोड़ी कू
उमाल मी इनी उकेर देन्दु

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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