किले घाम
किले घाम टपराणु व्हालो म्यार पहाड़ा मा
किले खुदै बड़ बड़ाणु वहालो घाम म्यारा गढ़देश मा
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
बरखा भीगे गैनी जडू जड्डी गैनी
आयूँ छे किले तू टपराणु वालू घाम म्यार गड्देश मा
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
चाम चमकी टूक हिमाल की माथी
बिज गैनी उजाड़ डांडू कंडी घाम पुंछी गै अब कुलेहंण मा
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
तिसाली व्हगै तासुं मेरु बिस्गे गीछु सासू मेरी
पुंगडी बंजा पौडी कैगै मौल्यार तू हरा घास छोरी
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
प्रवासी खंडी अब ऐना लग्या सैर सपाटा ऐ उत्तराखंड मा
जी.मो.बसों जीपों का दगडी ऐ घाम तिल अब धुंयेड़ उधेलण ना
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
किले घाम टपराणु व्हालो म्यार पहाड़ा मा
किले खुदै बड़ बड़ाणु वहालो घाम म्यारा गढ़देश मा
किले घाम हो......ओ ..तू किले ऐ घाम
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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