अबरी दां आस लगी च
अबरी दां प्रीत मेलेली या पीड़ा दे जैली
रित निभैली वा हेर देके जैली
अबरी दां जो होलो जो कया होलो
जमैली डाली सुख दे जाली
रोंदा आँखों थै सुखाली वा भीगे जाली
अबरी दां जो होलो जो कया होलो
माया चैत फुलाली या मौल्यार कै जाली
गैना ऐबार सजला वा बिकै जैली
अबरी दां जो होलो जो कया होलो
गढ़ ऐबार लग्युं छा सारु आपरा आला ?
ऐकी हाथ भार लगाला या फिर बीराण कै जाला
अबरी दां जो होलो जो कया होलो
अबरी दां प्रीत मेलेली या पीड़ा दे जैली
रित निभैली वा हेर देके जैली
अबरी दां जो होलो जो कया होलो
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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