ADD

रंग बिरंगी लोग



रंग बिरंगी लोग

आज तुम्हे घुमाये हम
इस नगरी इस लोक में
इस नगरी में रहते अजीब
रंग बिरंगी लोग

बैठे मुंह फुला दूर कोई
हंस हंसाये जाये भीड़ कोई
एक धुन अकेला लगा कोई
सबको ले साथ चला कोई

अपरीत है विपरित बंदा
पूर्व पश्चिम उत्तरा दखन संगा
चाल उसके चलन की तरह
एक एक के यंहा अलग धंदा

रंग-बेरंग दुनिया में किस्से
ये रंग बिरंगी लोग इसके हिस्से
की फीका कोई भड़कदार
कोई चमकदार तू कोई रंगहीन

अमीरी गरीबी चक्कर फंसा
ख़ास-आम बीच तरकश लटका
कंहा कंहा रोटी के लिये भटका
सफेद काले के बीच मचा झगड़ा

मिर्च मासला सा कंही मेल मिलाप
कंही खिलात है काँटों में गुलाब
कोई लेता सूत के साथ नकद हिसाब
मस्तक,दिल में तीन रंग हरदम साथ

आज तुम्हे घुमाये हम
इस नगरी इस लोक में
इस नगरी में रहते अजीब
रंग बिरंगी लोग

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ