ADD

बस देखा था



बस देखा था

बस देखा था
कुछ होता हुआ
अपना दिल ओर
अपनों को रोता हुआ
बस देखा था ....................

आंखें ही बही थी
मोमबत्तीयां जली थी
उखड़ा था मन
बस दो पल चला था
बस देखा था ....................

चुप था वो
क्या सुन रहा था
बैचैन सा मंजर
बस कह रहा था
बस देखा था ....................

बस देखा था
कुछ होता हुआ
अपना दिल ओर
अपनों को रोता हुआ
बस देखा था ....................

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ