मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं
रोक लेता हूँ खुद को
टोक लेता हूँ खुद को
उस रहा पर गुजरने से
खुद को मोड़ लेता हूँ
मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं......................
आते हैं खयाल
निकालों मै भी अपने दिल के भड़ास
अपने दिल को तोड़ देता हूँ
उस खयाल को ख्याल के लिये छोड़ देता हूँ
मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं......................
लगता है बुरा मुझको भी
टोकने में अपनो को
पर मै बोल देता हूँ
उस रहा पे जाने से रोक देता हूँ
मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं......................
घर है आशियाना मेरा
आप सब हैं परिवार मेरे
दर्द अगर आ भी जाये हंस देता हूँ
अकेले मै छुपाके चुपके मै रो देता हूँ
मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं......................
एक रहे ऐसे ही ये घर मेरा
खूब मेहनत करता हूँ
इस घरोंद को सजाने के लिये
रातों की भी नींद छोड़ देता हूँ
मै बाप हूँ
मेरे दिल में भी जज्बात हैं......................
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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