ADD

मै गुमनाम



************************************
मै गुमनाम

बस गुमनाम पैदा हुआ हूँ
गुमनाम मर मै जाओंगा

कभी रदी के पन्ने पे मुस्कुराऊँगा
उस पल ही मै याद किसी को आऊँगा

अंकुरीत बीज हूँ मै पड़ा अब
फल फुल कंहा देख पाऊँगा

कविता में मै यूँ ही लहलहाऊँगा
नाम नही मै कुछ काम कर जाऊँगा

बस गुमनाम पैदा हुआ हूँ
गुमनाम मर मै जाओंगा
*****************************************

समझो तो ध्यानी
ना समझो तो बस बहता पानी
******************************************

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ