ADD

अप्डी अप्डी मा



अप्डी अप्डी मा

खैरी मा लगी रूं
मनखी से अटकी रूं
पाड़ा पीड़ा नी जानी मिल
पाड़ा विपदा नी जानी मिल
अप्डी अप्डी मा लगी रूं
खैरी मा लगी रूं.....................

बोई बाबा कू डेरू मेरु
सोंज्डया खूंटी बंदी गेडू मेरु
दोई भुम्याल बच्चा म्यारा
लगी रूं बस ई दुनिया मेरी
खैरी मा लगी रूं.....................

ना ज्मै एक डल्ली मिल
ना मांगे दमड़ी मिल कैम
प्रगती का दौड़ से भटकी रूं
भागा खटुली से चिपकी रूं
खैरी मा लगी रूं.....................

ना देखी मिल भैर
ना की मिल सीखैसैर
बंद किवाड़ बंद उंका दर
ये च मेरु कथा कूटोम्दरी
खैरी मा लगी रूं.....................

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ