ADD

नोनु घार नी ऐई



नोनु घार नी ऐई

भैर जैकी हर्ची ग्याई
माया मा हमरी माया भूली गैई
क्दगा बरस बीत गैनी
नोनु घार नी ऐई

गै छे सुप्निया जगै
लगै वो आगी आस की बले
तबरी भ्तेक मुख नी देखैई
भैर जैकी हर्ची ग्याई

हेर का आजार देके गैई
रडदा जिकोड़ी कबै सुध नी लेई
अयं पत्री दोई वैका दार भी अबै बंद व्हाई
नोनु घार नी ऐई

एक एक घार कू ऐ पीड़ा छ
गढ़ देशा की एक ओर नैय विपदा छ
पलायन रोग की कख सीमा छ
भैर जैकी हर्ची ग्याई

दाना दानी की आंखी कैनी
हेरदी जिकोड़ी कहाणी बोलणी
पाड़ा की बर्बाद ज्वाणी जाणी
नोनु घार नी ऐई

भैर जैकी हर्ची ग्याई
माया मा हमरी माया भूली गैई
क्दगा बरस बीत गैनी
नोनु घार नी ऐई

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ