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मै हूँ बिटिया


मै हूँ बिटिया

हाथ ना छोड़ो
ना छोड़ो तुम मेरा
सांस तो लेने दो
ये भी तो है मेरी धरा
मै हूँ बिटिया

कोपलों को फूटने दो
हरी पत्तियों आने दो
रखवाली जरा कर दो
मै भी तो हूँ तुम्हारी
मै हूँ बिटिया

दे दो थोड़ा सहारा
ना करो तुम मेरा दूर किनार
इस भाव सागर में
तिनकों का दे दो हल्का इशार
मै हूँ बिटिया

तैर लूंगी मै अकेले ही
दो अक्षरों संग अगर मै पली
क ख ग की नगरी से ही
सजेगी ये मेरी बगीया
मै हूँ बिटिया

हाथ ना छोड़ो
ना छोड़ो तुम मेरा
सांस तो लेने दो
ये भी तो है मेरी धरा
मै हूँ बिटिया

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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