ADD

मानसून जल्द


मानसून जल्द

दिल में दर्द है
बस रह गये गम ,मानसून जल्द
दिल बेचैन ध्यानी
बूंद बूंद ने छिना चैन
ये बेवफाई तेरी रुशवाई
ख्वाहिश के पुल ने दी गवाही
बह गई मेरी दुनियादारी
रुक्सत थी बस जान हमारी
देखी ये भी दुनियादारी
देवों के इस भू-लोक में
मची कैसी हहाकारी
पहाड़ ने भी अब हार मानी
बहा गया वो आशियाना
जिसे था हाथों से सजाया
आंखें बस नम सी
दूर जाते बहाव देख कर
दिल में दर्द है
बस रह गये गम ,मानसून जल्द
दिल बेचैन ध्यानी
बूंद बूंद ने छिना चैन

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ