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और्री कया देखंण मील


और्री कया देखंण मील

मील धार दर चुला धार देखी
अपड़ो थे वें पार सुरक जांदा देखी
और्री कया देखंण मील ..२
अपरी इतिहास कू हास हुंदा
ईनी नीरबै आंखी देखी
मील धार दर चुला धार देखी .....

हे बगता तू ई अब बता
औरी कया छुपयूँ च तैमा
औरी कया कया लपयूँ च तैमा
अपरी खैनी कमाई लुट दा देखी
गढ़ देश खड़ो य्कुलू बस य्कुलू ई देखी
मील धार दर चुला धार देखी .....

यख खैरी भी च यख विपदा भी च
ऐ गढ़ मा जमी सदनी कू लगुली देखी
कुड़ी घर दर बंजा पुंगड़ा कैकी
भुर उड़ायूँ रखाण दार भी देखी
बस मील यख ईणी ही लिपापोती देखी
मील धार दर चुला धार देखी .....

आंसूं भी गै ईंणी वार पार
कैमा धैय लगाण कैमा छुंयी लगाण
कू हुलो आपरो गैलु सी
कैल पाछाण कैल रशायाँण लगाण
मनखी थै मेर कैल धीर बधाण
मील धार दर चुला धार देखी .....

मील धार दर चुला धार देखी
अपड़ो थे वें पार सुरक जांदा देखी
और्री कया देखंण मील ..२
अपरी इतिहास कू हास हुंदा
ईनी नीरबै आंखी देखी
मील धार दर चुला धार देखी .....

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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