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तेरु मेरु साथ


तेरु मेरु साथ

बल जोड़ी ले की जोडीली
बिधातन अब देखा
अपरू हर बाट गौं घारदार
और्री यू तेरु मेरु साथ
हो हो अ तेरु मेरु साथ …………

कंन कंन फुल खिल्यां
अब तक ये भूमी मा कख छा छुपयाँ
ये जब मेरु हाथों मा तेरु हाथ
लगाण लगे अब नैय दिन चा ये नैय रात

बल जोड़ी ले की जोडीली
बिधातन अब देखा
अपरू हर बाट गौं घारदार
और्री यू तेरु मेरु साथ
हो हो अ तेरु मेरु साथ …………

नीलू सरग हराली डंडाली कंठी
गद गद बौग्न नायरों का पाणी
यू पाणी तेर मेरा प्रीत की क्यारी मिल
मेर पुंगड,बथों मा उल्ल्यार फुल्यार छेगै

बल जोड़ी ले की जोडीली
बिधातन अब देखा
अपरू हर बाट गौं घारदार
और्री यू तेरु मेरु साथ
हो हो अ तेरु मेरु साथ …………

हारे हारे चूड़ी मा मेर घार ये तू
मांग सिंदूर मेर मांगटिक छे तू
सीधी सिंदूर की सबेरा सी मेर उजाली
जोड़ी तिल सात जन्मों की अपरी बाटी

बल जोड़ी ले की जोडीली
बिधातन अब देखा
अपरू हर बाट गौं घारदार
और्री यू तेरु मेरु साथ
हो हो अ तेरु मेरु साथ …………

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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