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ये बरखा हे बरखा

ये बरखा हे बरखा

फिर ऐगे डाँडो कंडों
फिर छेगै ऐ पाडों मा ये बरखा हे बरखा
पौड़ी गे तू स रा रा र र धम धम

काला काला बादल मा बैठीकी
दूध की धार कैलास मा वार पार बेखैरी की ये बरखा हे बरखा
भीगे गै तू मेरा बद्री-केदार धाम

जख तख सबै भिज्याँ भिज्याँ
हरा हरा मनखी मा अबै प्रीत कोपल फुंटयां ये बरखा हे बरखा
हरालू कैगै जीयु माया लगै गै मेरु पाड़े गाम

तू ईंण ऐई तू ईंण जैई
कैको ना हो पीड़ा ना खैरी ऐसूं का साल ये बरखा हे बरखा
कैर दे ईंनी उपकार आभारी रहलू मेरु उत्तरखंड राज्य

फिर ऐगे डाँडो कंडों
फिर छेगै ऐ पाडों मा ये बरखा हे बरखा
पौड़ी गे तू स रा रा र र धम धम

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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