बदनाम
फिर मै
बदनाम हो गया है
सन्मान मिलना था
अपमानीत हो गया
निम्न स्थिति से
मै अपने गुजर गया
घूंट था जो कलंक kaa
उसे मै पी गया
दुष्ट, निर्लज्ज
कुख्यात लगा था क्या मै
उस नीच कुलोत्पन्न
उभर ना सका मै
लडखडाया मै
दूजे पल फिर गिर गया
संभाल ना सखा मै
कीच मुख लग गया
फिर मै
बदनाम हो गया है
सन्मान मिलना था
अपमानीत हो गया
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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