छुची लाडी जो होणु छा
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई
बथा दे मेरी मनखी
कया तिल पाई
कया तिल खोई
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई ...............
बचै बचै की कया तिल पाई
माया पीछने भागी की तू खोल्या रैग्याई
जो होणु छ यख सबै अचँणचक
माया भी मीली पर जीयु माँ माया नी रहाई
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई ...............
दरस हरी का बिरणा वहैग्या
अपरा मैती भी अजाणा वहैग्या
कख कख लुटी तिल
देब्तों को ठों भी णी छोडी तिल
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई ...............
पाणी कू यख मोल ल्ग्युंचा
पाप देख क्दगा खोल ग्युन्चा
आंखी मा बस दिखणी लालसा तेरी
आस्था कू मुंडा मा बस साफा बंधुचा
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई ...............
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई
बथा दे मेरी मनखी
कया तिल पाई
कया तिल खोई
छुची लाडी जो होणु छा
वो वहैग्याई ...............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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