रात आज जागी है
फिर रात आज जागी है
कोई अहसास अब भी बाकी है
फिर रात आज जागी है ......................
उन कदमो की आहट अब भी आती है
वो रास्ता जब चल कर दिल से दूर जाता है
फिर रात आज जागी है ......................
गुमसुम वो उदास अब साथी है
आँखों की बरसात रुक और गिर कर अब भी बाकी है
फिर रात आज जागी है ......................
उभरे थे उस पथ पर निशां कुछ ऐसे
उस गली में कभी साथ चले हम ,कुछ याद अब भी बाकी है
फिर रात आज जागी है ......................
जज्बात का दिया कुछ ऐसे जला
रोशनी हो गयी यंहा फिर भी अँधेरा बाकी है
फिर रात आज जागी है ......................
फिर रात आज जागी है
कोई अहसास अब भी बाकी है
फिर रात आज जागी है ......................
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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