ADD

बस म्न्ख्यों की


बस म्न्ख्यों की

भुला
मनखी की दौड़
बस म्न्ख्यों तक
बल कया हुन्दो और्री अग्ने
बस म्न्ख्यों तक

हरी हरी बुला
बस म्न्ख्यों तक
टक्का मा हरी खोजा
बस म्न्ख्यों तक

देब्तों कू यख धाम
बस म्न्ख्यों तक
यख मेरु कया काम
बस म्न्ख्यों तक

छे चं गढ़देश मेरु
बस म्न्ख्यों तक
भैर देश बैठयूँ
बस म्न्ख्यों तक

कैलणी जाणी मनखी ते
बस म्न्ख्यों तक
जिकोड़ी तिल भी णी माणी
बस म्न्ख्यों की...............

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ