नी जाणी मील
नी जाणी मील....कया हुन्दा बोल
नी जाणी मील...कंण बणदा गीत
लिक्दा गयुं मी..बोल बणदा गयां
ये मेरा आखर सज्द ग्याँ
नी जाणी मील...
ना जाण मील कै कू बोल्दा प्रीत
ना जाण मील कैण बाणे ,कंण बंधे ई माया की रीत
जदगा सोची मील वदगा उल्झी गयुं
माया मा जैकी पुरु बोल्या बणू
नी जाणी मील...
ना जाणी मील कंण हुन्दी पीड़ा
ना जाण मील कै कू बूंदी खैरी
ऐईं जब भी वीं मी हसदा रायुं
फूलों का जाणी मी खिल्दा रायुं
नी जाणी मील...
ना जाणी मील कैक बान हुन्द सुबैर
ना जाणी मील किले की आन्द रात
जीवण मरण चिंता मा मी किलै पीस्युं
ईं दोई पाटा का बीच की मी किलै सोच्युं
नी जाणी मील...
नी जाणी मील....कया हुन्दा बोल
नी जाणी मील...कंण बणदा गीत
लिक्दा गयुं मी..बोल बणदा गयां
ये मेरा आखर सज्द ग्याँ
नी जाणी मील...
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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