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आहट


आहट

मनवा आहट सुन
डर डर जाये

पनवा का शोर भी
जीया में हलचल कर जाये

अंधेरा ये भी
मुझे और विकल कर जाये

आहट बस सुन के ही
अपनी परछाई भी अब मुझे डरा ये

मनवा आहट सुन
डर डर जाये

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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