देखी ली ईं दाणी आंखी न
देखी ली ईं दाणी आंखी न
जो णी देखण च्या वो भी देखी ली
देखी ली ईं दाणी आंखी न देखी ली ......
कदागा विपदा कदगा खैरी
ऍईं ई दाणी बाटी मा हाथों न दांडू टेक ली
देखी ली ईं दाणी आंखी न देखी ली ......
यख हेर चा दूर तक बसी देर चा
जो गै मी छुडी ,वो बान मी गैर छों साफ कैरी ली
देखी ली ईं दाणी आंखी न देखी ली ......
दिन आखेर फिर बी मी मैट मैट की रखणु छों
कबी त आली वो सबैर चा ..मैटी ले
देखी ली ईं दाणी आंखी न देखी ली ......
देखी ली ईं दाणी आंखी न
जो णी देखण च्या वो भी देखी ली
देखी ली ईं दाणी आंखी न देखी ली ......
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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